आयुर्वेद की इन चार औषधियों से करें कोरोना से बचाव

आयुर्वेद की इन चार औषधियों से करें कोरोना से बचाव

वैध अच्युत त्रिपाठी

देश में कोरोना के बढ़ते मामले थम नहीं रहे हैं। ऐसे में जरूरी हो जाता है कि लोग ज्यादा से ज्यादा सावधानी बरतें। साथ ही शरीर के इम्यूनिटी सिस्टम को बेहतर बनाएं। क्योंकि बेहतर इम्यूनिटी सिस्टम शरीर को बीमारियों से लड़ने में मदद करता है। सरल शब्दों में कहें तो जिसका इम्यूनिटी सिस्टम बेहतर होता है वो हर प्रकार के वायरस और बैक्टीरया इंफेक्शन से बचे रहते हैं और वो जल्दी बीमार नहीं पड़ते हैं। आयुर्वेद के अनुसार ऐसी ही चार आयुर्वेदिक औषधियां हैं जो शरीर की प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्यूनिटी को बढाती हैं। ये हैं द्रव्य मुलेठी, अश्वगंधा, पीप्पली और गिलोय। आइए जानते हैं कि ये किस प्रकार शरीर की प्रतिरोधक बढ़ाने में मदद करती हैं।

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कोरोना संक्रमण विषाणु यानी वायरस जनित रोग है, जो व्यक्ति के श्वसन तंत्र पर आक्रमण करता है और कुछ ही दिनों में रोगी को गंभीर अवस्था में पहुंचा देता है। आयुर्वेद के सिद्धांत के अनुसार सबसे पहले हमें ‘स्वस्थस्य स्वास्थ्य रक्षणम्’ अर्थात जो स्वस्थ हैं, उनको कैसे स्वस्थ रखा जाए, इसके विषय में सोचना होता है। साथ ही साथ ही उन लोगों का भी रखना है जो कोरोना से जंग में मैदान में डटे हुए हैं। जैसे- मेडिकल स्टाफ, पुलिस और सुरक्षाकर्मी। इसके लिए उनकी भी रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होनी चाहिए।

ऐसे कोरोना से बचाव करेंगी ये औषधियां:

इन चार औषधियों में जहां अश्वगंधा तंत्रिका तंत्र को पुष्ट बनाती है, वहीं मधुयष्टि (जिसको मुलहठी या मुलैठी कहते हैं) व पीपली यानी छोटी पीपल व्यक्ति के श्वसन तंत्र पर सकारात्मक प्रभाव डालती है और गुरुच (गिलोय) प्रसिद्ध ज्वरनाशक औषधि है। इन सभी औषधियों का सम्मिश्रण रोगी की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाएगा, जो इस रोग में ही नहीं अन्य रोगों से बचाव हेतु भी प्रभावशाली सिद्ध होगा। इस मिश्रण को आयुर्वेद में वर्णित क्वाथ-विधि यानी काढ़ा बनाकर प्रयोग करने की सलाह दी जाती है। क्वाथ बनाने के लिए चारों औषधियों को समान मात्रा में लेकर (प्रत्येक ढाई ग्राम, कुल दस ग्राम) थोड़ा कूटकर चार गुना पानी में उबाल लें। मात्रा एक चौथाई शेष रह जाने पर इसे छानकर कोष्ण यानी गुनगुना, सुबह-शाम कम से कम पंद्रह दिनों तक पीने से प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाई जा सकती है और कोविड-19 के प्रभाव से भी बचा जा सकता है।

इसके अलावा उच्च रक्तचाप, अनिद्रा, धमनियों में जकड़न तथा तनाव आदि को दूर करती हैं, वहीं मुलेठी अल्सर पित्त, सांस, गले में हुए संक्रमण को नष्ट करती है।  गिलोय जीर्णज्वर नाशक में उपयोगी है, पीप्पली कफनाशक, गले में होने वाले रोग के अलावा विषैले कीटाणुओं को नष्ट करने की क्षमता रखता है। इसके साथ ही मलेरिया के लिए अचूक दवा आयुष 64 की चिरायता, कुटकी, तुलसी, गिलोय, करंज जैसे द्रव्यों से निर्मित औषधि भी कोरोना को नष्ट करने की क्षमता रखती है।

विज्ञान एवं प्रौधौगिकी मंत्रालय के उपक्रम राष्ट्रीय अनुसंधान एवं विकास निगम ने भी आयुर्वेद वनस्पतियों से निर्मित फीफाट्रोल से शरीर के प्रतिरोधक तंत्र को सशक्त बनाने में उपयोगी माना जाता है। फीफाट्रोल सुदर्शनघन वटी, संजीवनी वटी, गोदंती भस्म, त्रिभुवन कीर्ति रस तथा महामृत्युंजय से निर्मित है। प्रतिरोधक क्षमता मजबूत रहे, इसके लिए शरीर में ऊर्जा का बरकरार रहना जरूरी है ,चव्यनप्राश से ऊर्जा शरीर में पूरी की जा सकती है।

 

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